जगदंबा स्तुति
सदा प्रसन्ना मां जगदंबामम ह्रदय तुम वास करो।लेकर खड़ग त्रिशूल हाथ मेंमम शत्रुदल संहार करो।चड-मुंड के मुंड धारण कर्तामम संकट
Read Moreसदा प्रसन्ना मां जगदंबामम ह्रदय तुम वास करो।लेकर खड़ग त्रिशूल हाथ मेंमम शत्रुदल संहार करो।चड-मुंड के मुंड धारण कर्तामम संकट
Read Moreहे महागौरी माता, चार भुजा धारिणी माँ,वृषभ की सवारी करती, अभय मुद्रा धारिणी,दाहिने भुजा त्रिशूल, बाएँ मे डमरू,वर धारिणी,तेरी महिमा
Read Moreहे माँ कुष्मांडा तुम शक्ति की देवी हो,सृष्टि की रचयिता, जीवन का आकार हो,विश्व की मूरत हो, सृष्टि की धारणाकर्ता
Read Moreमाता की महिमा अपरंपार, रही रहेगी।शक्ति की प्रतीक, हैं,भक्तों की रक्षक।नवरात्रि की शुभ ये पावन बेला आई ।माता की आराधना
Read Moreहे जग-जननीहे कल्याणीमैं तेरे गुण गाऊंतेरे चरणों मेंनित-नितशीश झुकाऊं।माँ तू हैवरदायिनीहम बालक नादानक्षमा करनाभूल हमारी।ब्रह्मचारिणी सेसिद्धि दात्रीअनेक रूप हैं तेरे,माँ
Read Moreमाँ अम्बे तू गौरीतेरे ही रूप अनेकतू तीनों लोक में प्रसिद्धसबकी इक्षा पूर्ण करने वालीनव नामों से तू पुकारी जातीप्रथम
Read Moreराधा जी के रोम-रोम में बसे कमलनयन, गोविंद ही भरतार,कान्हा की धड़कन है राधा, जोड़ी को करते हम नमस्कार ।कृष्ण
Read Moreआपके बिना, श्याम लागे आधेजय-जय, जय-जय, श्री राधे।। श्री वृषभानु जी, की राज दुलारीसर्व दुःखों से, वह तारणहारीदर्शन कर, भक्तों
Read More