ग़ज़ल
गीत गाता फिरे चाँद कहने लगा आज खुद गेसुओं मे थिरकने लगा शाम ढलने लगी– चाँदनी के लिए ईद का
Read Moreचाहती तो मै आज भी हूँ तुम्हे लेकिन बस एक अंतर है पहले तुम मेरे साथ थें आज मै तुम्हारे
Read Moreअमन का घोड़ा ……………….. मातम से अंधियारे में कोशिश में विश्वास बहुत है तस्वीर कभी तो बदलेगी फिज़ा को ये
Read Moreतनाव से ही सदा टूटता समाज कोई लगाव से ही सदा फूलता रिवाज कोई पढ़ेगी कल नई पीढ़ी उन्हीं के
Read Moreज़ख्म मेरे दिल के वो… कुछ इस तरह भरता रहा माँग माफ़ी, पिछली खता की नई खता करता रहा !!
Read Moreवो पल भर की जुदाई न थी यादों से रिहाई वक़्त… काटे न कटा हर लम्हा… सदियों सा लगा वो
Read Moreबह्र, 2122, 2122, 2122, 212 मोहना तोरी बंसी है, चाह चित मोरी बसी चोर जाते हो कन्हाई, राग सखियों की
Read Moreबरसि जा रे बदरा मोर अँगनईयाँ मचल जा रे भौंरा मोर अमरइयाँ आके बरस मोर अंगना रे बदरा चंपा चमेली
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