यु ही सोच रही
बैठे बैठे यु ही सोच रही अपलक तुझे ही निहार रही मुझमे तु तुझमे मै अब समाहित होने को सोच
Read Moreबैठे बैठे यु ही सोच रही अपलक तुझे ही निहार रही मुझमे तु तुझमे मै अब समाहित होने को सोच
Read Moreएक अनोखा एहसास हाथ में तेरा हाथ नहीं लगते अजनबी जब होते तुम साथ। प्रेम का प्रथम चरण दिल में
Read Moreजिन्दगी इक रंगमंच है जिसके कईं रंग रूप हैं कभी छाऊँ तो कभी धूप है ! कभी सुख की मिलती
Read Moreराहें कठिन हैं किन्तु मुस्कुराता चल अपने दृढ संकल्प से काँटों को कुचल तारों को देखना है रातों को जाग
Read Moreआज महफ़िल से किसी एकांत में मैं जरूर जाना चाहता हु वो चेहरा जिसने जीते जी कुछ न दिया जख्मो
Read Moreजात रहे परदेश कहे तब लाग लुगाइया मत जाओ परदेश पिया निक इह इ म डाहिया न सोना ना चाँदी
Read Moreहर बात में तुम, जज्बात में तुम ! मेरा दिन हो तुम, मेरी रात हो तुम ! बेनाम है तुमसे…
Read Moreमाँ तुझ सा इस दुनिया में ना अपना कोई , माँ तु मेरे लिए है कितना रोई । जब मैं
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