मुस्कान का दान
कभी किसी शाम की थकी हुई साँसों में,तुम्हारा एक हल्का सा “कैसे हो?” उतरता है —जैसे रेगिस्तान में कोई बूँद
Read Moreकभी किसी शाम की थकी हुई साँसों में,तुम्हारा एक हल्का सा “कैसे हो?” उतरता है —जैसे रेगिस्तान में कोई बूँद
Read Moreपूरे घर में माँ का बोलबाला है।मां का दिल बिल्कुल निराला है।नाराज़ होती है पर कुछ कहती नही।बगैर बच्चों के
Read Moreआस्तीन के साँप हैं ये इनका फन कुचलना होगागैर को तो पहचानते हैं सब अपनों में से इन्हें ढूंढना होगा
Read Moreआज निर्मल भाव रहता कहां है,कोई किसी को सहता कहां है,कथे और कहानियों मेंअब तो ये समाए है,बड़ी ही मशक्कत
Read Moreकुछ बद्दिमाग खूंखार राक्षसों की काली करतूत,मचाती हाहाकार, कष्ट से हो जाता विश्व द्रवीभूत,निहत्थों पर वार चलाना कैसी शर्मनाक फितरत
Read Moreवो चिंगारी अब ज्वाला बनकर छाएगी,ये पहलगाम की क़ुर्बानियाँ रंग लाएगी।कायरों ने फिर एक बार लाशें बिछा दी,माँगों का सिंदूर
Read Moreपहाड़ों की गुफाओं में, गूंजा एक ओर शोर,फिर टूट गया अमन चैन का, हज़ारवां वो दौर,किशोरी हवाओं में, घुला घटा
Read Moreआज तूलिका है स्तब्धकह रही हाय!राम धत्त। आज स्याह रंग भीरक्त है उगल रही,पूछती है सभी सेक्या अब भी वही
Read More