कविता

कविता

आतंकवाद का घिनौना रूप

कुछ बद्दिमाग खूंखार राक्षसों की काली करतूत,मचाती हाहाकार, कष्ट से हो जाता विश्व द्रवीभूत,निहत्थों पर वार चलाना कैसी शर्मनाक फितरत

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