मजार
मजार पर चढती चादरों ने,एक सबक़ सिखाया है,हम-सब को बिल्कुल सही वक्त पर यहां।कैसी बिंदास किरदार में,मरे हुए लोगों पर
Read Moreयह चार लोग ही हैं दुनिया मेंचलती है जिन की सरदारीझूठे बेईमान चुगलबाज और लालचीइनसे डरती है दुनियां सारी जब
Read Moreयोग, प्राणायाम और सघन ध्यान,मतलब खुद की, खुद से पहचानऊपर से ,सारगर्भित, व्याख्यानइसी को तो, कहते हैंआम के आम, गुठलियों
Read Moreठण्डी-ठण्डी छांव मेंउस बचपन के गाँव मेंमैं-जाना चाहती हूँ।तोडऩा चाहती हूँबंदिश चारों पहर की।नफरत भरी येजिन्दगी शहर की॥अपनेपन की छायामैं
Read Moreकलिकाल की छाई चहुं ओर रंगत,मानव क्यों करें तू दुष्टों की संगत,मानवता का यहां क्षरण हो रहा हैं,इंसान दुःखों से
Read Moreआई है शरद ऋतु छाई सिहरन है।प्रकृति में दिखते छबि कणकण है।फूल-कली तरुवर दिखते मगन है।हरी-भरी तृण में मोती कण-कण
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