जियो तो ऐसे जियो
‘कल क्या होगा न मैनै देखा न तुमने , आज की हम करें बात , ओछी सोच को त्यागकर, सच्चाई
Read More‘कल क्या होगा न मैनै देखा न तुमने , आज की हम करें बात , ओछी सोच को त्यागकर, सच्चाई
Read Moreउड़ चला मन पंछी एक दिन दूर, सुदूर चाँद के गाँव, बैठा जाकर शांति से वह शीतल चांदनी की छाँव।
Read Moreवो तूफ़ानी और सर्द भरी रात,सर्द हवाओं में चीख़ती हुई आवाज़।किसी ने ना सुनी उस अबला की पुकार,जिसको हम ने
Read Moreअच्छा लगता है तुम्हें देखना, तुम्हीं से छुपाकर….. अच्छा लगता है तुम्हें सुनना , तुम्हारी ही नजर बचाकर…. अच्छा लगता
Read Moreदिसम्बर का महीना कड़ाके की ठंड फुटपाथ पर रहते कुछ लोग बड़े साहसी है… आलीशान घरों मे रज़ाई के भीतर
Read Moreछाई घटा चहुं दिशा घनघोरपवन मचा रहा है शोर ,काल का रुप हुआ विकरालधरा पर मनुष्य है बेहाल । निडर
Read Moreवर्ष के दो महीने दिसम्बर और जनवरी एक वर्ष के अंत की दस्तक देता दूसरा वर्ष के प्रारम्भ का आगाज
Read More