बाल कहानी : गलती का एहसास
” ग्रीष्म ऋतु का आगमन हो चुका है। मैंने पहले ही तुमसे कहा था कि हम यहाँ से दूसरे वन
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Read Moreखरगोश के साथ दौड़ की प्रतियोगिता में जीतने के बाद कछुआ घमण्ड से सिर उठाकर चलता. दूसरी ओर खरगोश, जो
Read Moreस्कूल की छुट्टियां शुरू हुई तो रीता ने अपनी मम्मी के घर जाकर रहने की घोषणा कर दी। दोनों बच्चे
Read Moreअप्रैल का महीना था। स्कूलों की वार्षिक परीक्षा परिणाम घोषित किये जा रहे थे। इस वर्ष तनु अपने स्कूल के
Read Moreजैसे ही शिखर को पता चला कि चंदा हथिनी के दल का एक बुजुर्ग हाथी तालगाँव के समीप नर्रा जंगल
Read Moreरोज की तरह आज भी शाला में प्रातः कालीन राष्ट्रगान चल रहा था।इसके बाद बच्चों को सम्बोधित करते हुए प्रार्थना
Read Moreकड़ाके की ठंड पड़ रही थी। साँझ होते ही जंगल के सभी जानवर अपने-अपने घरों में दुबक जाते थे। ऐसा
Read More“मैं बहुत थक गयी हूँ। अब एक कदम भी नहीं चला जाता है मुझसे। सुबह से शाम तक बस; सिर्फ
Read Moreबहुत समय पहले की बात है, चंदनपुर गाँव में जयवीर नाम का एक किसान रहता था। वह बहुत दयालू, दानवीर
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