बाल गीत बचपन फिर बेताब हो रहा
गुड़ की लैया नहीं मिली है, बहुत दिनों से खाने को। बचपन फिर बेताब हो रहा, जैसे वापस आने को।
Read Moreगुड़ की लैया नहीं मिली है, बहुत दिनों से खाने को। बचपन फिर बेताब हो रहा, जैसे वापस आने को।
Read Moreअम्मा हमने कार खरीदी यह तो बहुत काम की होती, मत कहना बेकार खरीदी। वर्षा जब होती है झम झम,
Read Moreचाहो अगर तुम हरियाली तो, वृक्ष लगाओ, वृक्ष लगाओ, हरियाली से खुशहाली तो, वृक्ष लगाओ, वृक्ष लगाओ. चाहो अन्न-धन-दालें-दवाई, वृक्ष
Read Moreनया साल जबसे आया है। साथ बहुत सरदी लाया है।। शीतल छाया, शीतल काया। नभ में घना कुहासा छाया।। मैदानों
Read Moreपैदल चलने में हुई मुश्किल, मैकमिलन ले आए साइकिल. दूर-दूर करने को सफर, मोटरकार ले पहुंचे डैम्बलर. लगी अभी भी
Read Moreनूतन वर्ष हो मंगलदाता, नूतन वर्ष हो शुभफलदाता, नया वर्ष हो सुख का साधन, नया वर्ष हो हर दुख-भाजन.
Read Moreबुरा न बोलो बोल रे.. ..आनन्द विश्वास बुरा न देखो, बुरा सुनो ना, बुरा न बोलो बोल रे, वाणी में
Read More*बेटा-बेटी सभी पढ़ेंगे* …आनन्द विश्वास नानी वाली कथा-कहानी, अब के जग में हुई पुरानी। बेटी-युग के नए दौर की, आओ
Read Moreचुपके से आजाती धूप रोज सबेरे मेरे घर में चुपके से आ जाती धूप कंप-कंपी छुटा जाड़ा भगाती सुन्दर और
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