लघुकथा – मोल भाव
“अरे! भइया! तुमने तो लूट मचा रखी है।बीस रुपये की ककड़ी 40 रुपये किलो दे रहे हो।”मेम साहब अपने कुत्ते
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Read Moreआज अध्यापक कक्षा में कदम रखते ही बच्चों से बोले – ” बच्चो ! आज सभी अपने–अपने पिता जी को
Read Moreस्नेहा का जन्मदिन था, उसने बड़े स्नेह से आमंत्रित भी किया था. तैयार होकर अनु निकलने को हुई तो बारिश
Read Moreएक मंदिर में सब लोग पगार पर काम करते थे, घंटा बजाने वाला भी पगार पर था.घंटा बजाने वाला आदमी
Read Moreबात लगभग 65 साल पहले की है. मैं छोटी-सी बच्ची थी. मेरी एक सहेली ने हारमोनियम सीखने का मन बनाया.
Read More“यह तो वही जगह है न, जहां हम नाव में सवार होकर डोलते थे! कैसी सूख-साख कर बंजर-सी लग रही
Read Moreशुभम को सरला ने अंग्रेजी स्कूल में डाला है। थोडा काम ज्यादा कर लेगी, लेकिन उसे बडा आदमी बनायेगी। खूब
Read Moreएक कार से गुलजार की टक्कर हो गई थी, जिससे उसकी एक टांग में फ्रैक्चर हो गया था। उसका ऑपरेशन
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