लघुकथा – मान भी जाओ
नौ बज चुके थे ।बड़ी सी ताला लगा दोनों निकल पड़े अपनी मंजिल की ओर । कागज पलटते कब स्ट्रीट
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Read Moreबधाई के बहाने “हेलो, रमेश जी बोल रहे हैं न ?”“हाँ जी सर नमस्कार। रमेश ही बोल रहा हूँ।”“नमस्कार रमेश
Read Moreकुत्ते से सावधान मुझे मंत्रीजी ने कहा था कि “साहब लोगों से ऑफिस में अच्छे से बातचीत नहीं हो पाती
Read Moreसर! दो दिन की छुट्टी चाहिये। गाँव में बाबू जी बहुत बीमार और माई के जाने के बाद अकेले हो
Read Moreरजत स्वर्ण बनना चाहता था, पर पीतल भी नहीं बन पा रहा था.लेखक था वह और उसकी #कलम खूब खूब
Read Moreलघुकथा मेहनत की कमाई “सर, आपके चार समोसे के पचास रुपए होंगे। प्लीज आप चेंज पचास रुपए दीजिए। मेरे पास
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