मनहरण घनाक्षरी छंद
आई देखो है लोहड़ी, खुशियाँ नहीं हैं थोड़ी, बना बनाकर जोड़ी , खुशियाँ मनाइये । तिल गुड़ लाओ सभी ,
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Read Moreप्रेम कि बात छिपावत मोहन ,हाय हिया अकुलाय रहे । रीझ गयी सुन तान हरी जब,सुंदर गीत सुनाय रहे ।
Read Moreभौंका कुत्ता एक जब , हुआ गली में शोर। भौं भौं भौं मचने लगी, हुई भयावह भोर।। हुई भयावह भोर,
Read Moreममता तू है दोगली, स्वयं लगाकर आग अब कहती है जोर से, “भाग रे भइया भाग” भाग रे भइया भाग,
Read Moreप्याज बेचारी क्या करे, लोग करें बदनाम ‘महबूबा’-सा किया है गोडाउन में जाम गोडाउन में जाम, मचा कोहराम देखिए सपनों
Read More(1) कितना वहशी हो गया , देखो रे इंसान। लाज – हया धो पी गया , दिखती कोरी शान।। दिखती
Read Moreबचपने की ढल गयी है ,खूबसूरत शाम । करवटें बदली उमर ने ,तज सुखद आराम । खो गए वो दिन
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