कुंडलिया
धू धू कर के जल रहे, गेंहूँ डंठल बाल धरा झुलसलती हो विकल, नोच रहे हम खाल नोच रहे हम
Read Moreदान होता महादान, करो वस्तु तुम दान, धन दान, रक्त दान, दान कुछ कीजिए। दान देना नेक काम, करे कोई
Read Moreअहीर छंद “प्रदूषण” बढ़ा प्रदूषण जोर। इसका कहीं न छोर।। संकट ये अति घोर। मचा चतुर्दिक शोर।। यह दावानल आग।
Read Moreसमान सवैया / सवाई छंद / 32 मात्रिक छंद जाग उठो हे वीर जवानों, तुमने अब तक बहुत सहा है।
Read More8 यगण, 24वर्ण, सरल मापनी — 122/122/122/122/122/122/122/122 प्रभो का दिदारा मिला आज मोहीं, चली नाव मेरी मिली धार योंही। सभी
Read Moreराग लिये अनुराग हि फागुन में फगवा अब गाय रही है डाल गुलाल कलाधर पे वृषभानु किशोरि रिझाय रही है
Read Moreग्वाल बाल नंदलाल, ताल से मिला के ताल करते धमाल हैं गुलाल और रंग में छोरिया अहिर की पे ढंग
Read Moreबना कर पकवान, गरीबों को करो दान, भूख से न जाये जान, भारत महान है । पकवान बनाकर, अपना भी
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