गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 14/11/202414/11/2024 ग़ज़ल मेरे जिस्म में तू बन के जान रहता हैमिलूँ किसी से भी तेरा ध्यान रहता है मेरे वजूद में शामिल Read More
गीतिका/ग़ज़ल समीर द्विवेदी नितान्त 13/11/202413/11/2024 ग़ज़ल जो जगमग मेरी दुनिया दिख रही हैतुम्हारे नूर की ही रौशनी है ये जाना जब खफा हैं और से तोअब Read More
गीतिका/ग़ज़ल महेश शर्मा 13/11/202413/11/2024 गज़ल गगनचुम्बी भव्यता को देख लेकिन याद रखइन शिखर की नीवँ मे कितने ही पत्थर है जडे मंजिलोँ को पा के Read More
गीतिका/ग़ज़ल *डॉ. डी एम मिश्र 13/11/202413/11/2024 ग़ज़ल अपने ही घर में कोई मुझे जानता नहींमेआर मेरा क्या है कोई देखता नहीं कैसे कहूँ नज़रों का ये उसके Read More
गीतिका/ग़ज़ल *डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम' 10/11/202410/11/2024 दोहा गीतिका जाग्रत जीवन-ज्योति कर, जग में करें धमाल।जगती के जीवन बनें, नहीं किसी को साल।। सब जाते निज राह में, एकांतिक Read More
गीतिका/ग़ज़ल *सतीश बंसल 08/11/202408/11/2024 ग़ज़ल मौत के बिन ही मर के मत बैठोहाथ पे हाथ धर के मत बैठो जब तलक जान शेष है तब Read More
गीतिका/ग़ज़ल डॉ. ओम निश्चल 08/11/202408/11/2024 ग़ज़ल कैसा दिखता है अंतरालों मेंउम्र के साथ श्वेत बालों मेंढूंढते हम रहे जवाब सदापर भटकते रहे सवालों मेंकैसे हम अनुष्ठान Read More
गीतिका/ग़ज़ल बलविन्दर ‘बालम’ 08/11/202408/11/2024 ग़ज़ल किस ने आग लगाई है इधर-उधर-इधर।दंगाई दंगाई है इधर-उधर-इधर। रिश्वत लेता मगर सुराख़ कोई ना छोड़े,चर्चा में सच्चाई है इधर-उधर-इधर। Read More
गीतिका/ग़ज़ल बलविन्दर ‘बालम’ 08/11/202408/11/2024 ग़ज़ल सापों को दूध पिलाया ये पागल है।तू यह क्या चांद चढ़ाया ये पागल है। पहले इस सम्मेलन में प्रधान बड़े,किस-किस Read More
गीतिका/ग़ज़ल केशव शरण 07/11/202407/11/2024 ग़ज़ल सुब्ह है इस प्रकार से अच्छीधुंध है अंधकार से अच्छी मत उतरना कि डूब जाओगेये नदी आर-पार से अच्छी कब Read More