वो बरसात किस तरह भुलुं
तुम्हारी ज़ुल्फ़ों की हंसी शाम मैं किस तरह भुलुं।पहली नज़र ही आपकी उफ़ मैं किस तरह भुलुं।शौक था के महफ़िल
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Read Moreआईनों की नियत बदल जायेगी!इतना- संवर के ना जाया करोयाद में जितना तुम आ जाते होकूंचे में भी कभी आ
Read Moreजब कलम चलाई तब दर्द ही मेरा झलका हैलिखा जब हर दर्द, तभी तो हुआ मन हल्का है।। न जाने
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