गीत — प्रेम
गुज़ारें प्रेम से जीवन,नफ़रती सोच को छोड़ें।हम अपने सोच की शैली अभी से,आज से मोड़ें।। अँधियारे को रोककर,सद्भावों का गान
Read Moreगुज़ारें प्रेम से जीवन,नफ़रती सोच को छोड़ें।हम अपने सोच की शैली अभी से,आज से मोड़ें।। अँधियारे को रोककर,सद्भावों का गान
Read Moreप्रेम नहीं है कोई सौदा, बदले में कोई आश नहीं है। प्रेम है सबसे अच्छी पूजा, और कोई अरदास नहीं
Read Moreजनता की सेवा, करने कोदेखो सब , कितने बेचैन हैंकड़ी धूप में सब, निकल पड़ते हैन दिन में सुकून,न रात
Read Moreमन का मौसम ठीक नहीं तो होठों पर भी गीत नहीं।अरसा हुआ हृदय के पथ से गुजरा कोई मीत नहीं।
Read Moreतुमसे जीना सीखा हमने, तुम बिन जीवन मान न पाए।्र लिखना-पढ़ना ही आता था, तुमने जीवन गान सिखाए।। तुम बिन
Read Moreनहीं कोई है, संगी-साथी, नहीं किसी से यारी है। जहाँ जरूरत, वह खुबसूरत, जाने की तैयारी है।। जहाँ भेज दें,
Read Moreकहीं पर कोई अभिनेत्री से डर रहा कोई दो जगह से नामांकन भर रहा दिन रात एक कर रहा जीत
Read Moreटारगेट जब तनाव देत हैं, कर्म न हम कर पाते हैं। योजना, कर्म, संतुष्टि के बिन, असमय ही मर जाते
Read Moreब्रह्माणी सृजन करती हो, जीवन की तुम ही बूटी हो। माँ, बहन, पत्नी, प्रेमिका, हर रूप में सदैव अनूठी हो।।
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