एक अर्जी मुनीर के नाम
हे मुनीर बस एक बार, तू वार हमारे ऊपर कर दे।बम,बारूद और तोपों की, धार हमारे ऊपर कर दे। जोह
Read Moreहे मुनीर बस एक बार, तू वार हमारे ऊपर कर दे।बम,बारूद और तोपों की, धार हमारे ऊपर कर दे। जोह
Read Moreशब्द को ज्वाला बना कवि, गीत को अंगार कर।राष्ट्र के सब द्रोहियों पर लेखनी से वार कर।। शत्रु सीमा पार
Read Moreकरते नहीं, प्रेम का दावा, प्रेम प्रदर्शन नहीं होता है। प्रेमी वह जो करता अर्पण, प्रेम पात्र के हित जीता
Read Moreमाना अनेक बाधाएं हैं चट्टान तोड़ते बढे चलो।आतंकी सर जितने आएं,गर्दन मरोड़ते बढे चलो। जिन आतंकी मस्तिष्को में ख़ूनी विचार
Read Moreजय जय परशुराम प्रभु, धरम के दीप जलाओ,अन्याय के घोर अंधेरे में, फिर से ज्योति जगाओ।। कण-कण में करुण पुकार
Read Moreदुख से प्रीत लगी है ऐसी, पलभर दूर नहीं रह पाती ।रीत गए आँसू नयनों के, विरहानल तन- मन झुलसाती
Read Moreमैं दिव्य -सनातन- सत्य तत्व।मैं परमात्मा का अंश अमर।मुझसे है साँसों का प्रवाह।मेरी अनुभूति सहज सुंदर।मेरे समीप जो आता है,वह
Read Moreअब तो बूंद-बूंद के लिए भी तरस जाओगे,क्यों? नाहक बहाया लहू तुम पछताओगे।पहले से ही नाकारा हो रही थी ये
Read Moreसुना है की वो! आजकल हैं शहर मेंकहता है दिल की मुलाकात होगी,मिलेंगे दो नैना जो उनकी नयन सेतो संभव
Read Moreसंतुलन समझ गतिविधि विचार, की पूर्ण चाँदनी खिलती है |भावों के गहन सिंधु में तब,उत्ताल तरंगे उठती है | पाना
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