क्या फायदा
मन में मानवता का कोई भाव न हो सबसे बढ़कर लगे स्वार्थ अपना महजऔरों का दुख कभी भी न आए
Read Moreमन में मानवता का कोई भाव न हो सबसे बढ़कर लगे स्वार्थ अपना महजऔरों का दुख कभी भी न आए
Read Moreक्या करूँगा मैं बहुत मशहूर होकर,कई लोग जलने लगेंगे मेरा नाम सुनकर।मुझे अच्छा नहीं लगता किसी को उदास देखकर,भले ही
Read Moreबचपन के वो दिन आज याद आएकितने बेपरवाह मस्तमौला थे हमशैतानियों के वो सारे पल याद आए टिकते नहीं थे
Read Moreशूल-पत्थर की डगर है तेज़ धाराएँ-भँवर हैंसामने भूधर खड़ा है शत्रु बन तूफाँ अड़ा हैधूल पलकें मूँदती है पग को
Read Moreरौंदा अपने अधीनस्थ कोकैसी बेढब रीति चली है। छोटी मछली को खा जातींबड़ी मछलियाँ बीन -बीन कर।कुचले जाते नित गरीब
Read Moreबेटी को हम बेटी समझें, भार मान क्यूँ बैठे हैं। कोरे हम आदर्श बखानें, व्यर्थ ही उससे ऐंठे हैं।। जिस
Read Moreजहाँ चाहो तुम, रहो वहाँ पर, साथ की, ना मजबूरी है। स्वस्थ रहो, और व्यस्त रहो, कुछ मस्ती भी तो
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