दोहे –राही मनवा
राही मनवा सोच ले, आया तू किस काम। नेक सदा ही कर्म कर ,जप ले हरि का नाम।। राही मनवा
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Read Moreपावन बहुत प्रयाग,चलो करें वंदन अभी। गुंजित सुखमय राग,रहें हर्षमय हम सभी।।(1) कितना चोखा मास,कहते जिसको माघ हम। जीवित रखता
Read Moreभेदभाव मन में रखें, मत कर उससे बात दूरी बनाकर रखिये, हरदम यारों तात ग़रीब रहता है सदा, रोटी से
Read Moreतुम ही मीरा राधिका, हो तुम ही घनश्याम ।। डूबा हूं मैं सोच में, क्या दूं तुमको नाम ।। —
Read Moreबसंत आएगा फिर से वही, खुशियों भरा बसंत। महकेगा सारा चमन, भरमाएगा कंत। जग गाएगा गीत पीर लिए फिरते सभी,
Read Moreसूर्य उत्तरायण हुए, अर्पित नमन प्रणाम। प्राण प्रतिष्ठित अवध में, सूर्यवंश के राम। ऋषिवत छवि थी राम की, निश्छल आर्ष
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