सम्मान की प्रतीक्षा
(१)क्षणिक सम्मान की प्रतीक्षा न करना,संवैधानिकता पर तुम सन्देह न करना।प्रेम परिभाषित सम्मान जहां हो जाय,वहां कभी प्रश्नवाचक संज्ञा न
Read More(१)क्षणिक सम्मान की प्रतीक्षा न करना,संवैधानिकता पर तुम सन्देह न करना।प्रेम परिभाषित सम्मान जहां हो जाय,वहां कभी प्रश्नवाचक संज्ञा न
Read Moreगंगा, यमुना, सरस्वती, करती जीवन तार।संगम की हर बूंद में, मिलता शुभ संसार।। साधु-संत का मेला ये, लाए पुण्य विचार।हर
Read Moreपरख पारखी की खरी, चुन चुन करें बखान।कीचड़ से मोती चुने, हीरे के गुण जान।। खोट भरा कितना कहाँ, जाने
Read More