हे त्रिपुरारि …
जय त्रिपुंडधारी गल मुंडधारी सृष्टि जाने तव महिमा न्यारी हे सहज देव हे भोलेनाथ रख सिर हाथ कर दो सनाथ
Read Moreजय त्रिपुंडधारी गल मुंडधारी सृष्टि जाने तव महिमा न्यारी हे सहज देव हे भोलेनाथ रख सिर हाथ कर दो सनाथ
Read Moreहे राम दूत तुम सबके रक्षक हो, तुम कर्मवीर हनुमान जी , तुम ही तो बल के धाम हो, सब
Read Moreइन्द्रवज्रा छंद / उपेन्द्रवज्रा छंद / उपजाति छंद (शिवेंद्रवज्रा स्तुति) परहित कर विषपान, महादेव जग के बने। सुर नर मुनि
Read Moreकर्म भाग्य इंसान का सब प्रभु के हाथ कर समर्पित आपनो हो प्रभु के साथ सुंदर जीवन संसार में सुंदर
Read Moreप्रभु से बड़ा है प्रभु का नाम सिर नवा लो प्रभु के धाम। कोमल किश्ती पार करेंगे हम सबके प्यारे
Read Moreमेरे प्रभु राम जी कब दोगे तुम मुझको दर्शन। बीती जाए उमरिया मेरी तेरा तुझको सब कुछ अर्पण। क्या लाया
Read Moreनवम रुप माँ जगदम्बे का माँ सिद्धिदात्री कहलाती है, शंख, चक्र,गदा, कमल मैय्या धारण करती है। कमल आसन पर विराजित
Read Moreमाँ जगदम्बे का अष्टम रूप माँ महागौरी कहलाये, श्वेत वस्त्र आभूषण से अलंकृत माँ श्वेतांबरा भी कहाये। चार भुजाओं वाली
Read Moreसप्तम रूप माँ जगदम्बे का माँ कालरात्रि कहलाये, शुभकारी फल देती मैय्या शुभंकारी भी कहलाये। रुप भयानक, डरावनी पर भक्तों
Read More(नवरात्रि पर भक्तों की गुहार सुनकर माता रानी जब धरा पर आने को तत्पर हुई तो स्वर्गलोक और कैलाश स्थित
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