ग़ज़ल
यूं तो रग रग में खुद्दारी हैलेकिन अपनी इच्छा भारी हैसच्चाई से क्या मतलब इसकाये सारी चर्चा अखबारी हैराजा राजा
Read Moreहमारी सोने की चिड़िया लूटीहमें अप्रैल फूल बना गएचैत्र महीने से शुरू होता था जो देसी सालउसे पहली जनवरी से
Read Moreछुपे हुए सच को बाहर आ जाने दीजिए।लिखा जिसने गाना उसको गाने दीजिए।। छुपना और छुपाना क्यों,झूठ ज्यादा फैलाना क्यों,सच्चाई
Read Moreस्वार्थ भरी इस भीड़ में, खोए अपने लोग।चाहत की इस दौड़ में, छूट गए सब योग॥ सत्य हुआ अब मौन
Read Moreआया पर्व सुहाना है गवरा को पूजना है ।मीठे भजन गाकर के मॉं से “आनन्द” पाना है ।। मॉं गणपत
Read Moreजी करता है जाने तुझको,कैसी थी तुम बचपन में।चञ्चल थी या चुप चुप रहतीसच कह क्या अंतर्मन में। कितना मुश्किल
Read Moreसमानता संविधान में, क्या कहते हो,सूराख आसमान में, क्या कहते हो। कानून की नज़र में सब बराबर हैं,हमारे हिंदुस्तान में,
Read Moreकाम-पढ़ाई सब पूरा कर मैं इसी तलाश मेंसीढ़ी पर चढ़ गुपचुप-गुपचुप जाऊँगी आकाश मेंसोचने लगी दादा-दादी के किस्से गंभीर दिल
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