ग़ज़ल
हाँ कहा तो मुकर तुम न जाना प्रिये।साथ मेरे सुनो आज आना प्रिये।। अब ज़माना हमें साथ देता नहीं।तुम क़दम
Read Moreसुना साथ आएंगे अजित और सुप्रिया सुले ?ये राजनीति हैं रिश्तों से भी मन के मैल धुले।भतीजे अजित की चाचा
Read Moreहिन्दी का समर्थन करने पर जिसे अपमानित किया,धन्य वह बैंक मैनेजर नौकरी को दांव पे लगा दिया।हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा है
Read More‘साहित्य’ जीवन का एक यथार्थ है,हर सांस में रचा बसा निहितार्थ है।कन्नड़ लेखिका बानू के ‘हॉर्ट लैम्प’,बुकर पुरस्कार से मारा
Read Moreहाथ में कलम आने सेचालबाजों ने बुन डाले शब्दों का ताना बाना,भेड़चाल की आदी दुनियाहक़ीक़त क्या है बिल्कुल न जाना,अपने
Read Moreकरती हूँ जिससे मैं अपने मन की बातें,वो एक रफ कॉपी अरु ढेर सारी किताबें। उस रफ कॉपी के पन्नों
Read More(आत्महत्या जैसे विचारों से जूझते मन के लिए) ज़िंदगी जब करे सवाल,और उत्तर न मिले हर हाल,तब भी तुम थक
Read Moreसाँस-साँस को मोहताज किया,जीवन को नीलाम किया।मासूम थी, बस एक साल की,फिर भी व्यवस्था ने इनकार किया। “वेंटिलेटर चाहिए?” —
Read Moreदिल का क्या है, उम्र से बंधा नहीं,ये तो बस धड़कता है, हर पल, हर कहीं।चालीस का आँकड़ा बस गिनती
Read More