पद्य साहित्य

कविता

गर्मी की प्रचंडता

चिलचिलाती धूप, असहनीय गर्मी का प्रहारव्याकुल है हर प्राणी, पशु-पक्षी, पेड़़-पौधेकीड़े-मकोड़े, कीट पतंगे सब असहाय से हो गये हैं,किससे कहें

Read More