ग़ज़ल
याद देखो बेवजह हमको न आया कीजिये ।ख़्वाब में आकर न यूँ हमको रुलाया कीजिये।। दर्द कहते आज अपना हम
Read Moreउड़ रहा ये रंग ये गुलाल,हुए हम आज खुशहाल।जीवन में ये रंग न हो तो,अपनों का गर संग न हो
Read Moreमुझे बुरा जो कह रहे, उनका है आभार।इससे उत्तम और क्या, हो सकता उपहार।तेज कदम से भागते , मंजिल जिनकी
Read Moreनन्हा सा बालक जब रोता, आंचल में छुप चुप होता। ममता की छाया में सोता, भरता सुख सागर गोता।। गोदी
Read Moreकहां गया नारी सम्मान के लिएकुछ दिन पहले तुम्हारा किया गया संकल्प,या निकाल चुके हो अपने दिल सेइस बात का
Read Moreराधा राधा भोर शामबरसाने आए श्यामचोरी चोरी चुप चुपराधा को बुलाए हैं। सखियों से बच करआई राधा छिप करभर पिचकारी
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