स्वार्थी मन
मन स्वार्थी है, ये कहना आसान हैमगर मन स्वार्थी क्यों है?ये सोचने का हमारा मन नहीं है।क्योंकि हम खुद स्वार्थी
Read Moreमन स्वार्थी है, ये कहना आसान हैमगर मन स्वार्थी क्यों है?ये सोचने का हमारा मन नहीं है।क्योंकि हम खुद स्वार्थी
Read Moreहे ज्ञान की देवी मातु शारदेहम पर तनिक कृपा कर दो,मुझ पर भी थोड़ी दया कर दोहमको भी ज्ञान का
Read Moreगरीब झोपड़ियों में बसी है दर्द भरी तन्हाई,सर्दी से बचने के लिए नहीं है एक भी रजाई,जीवन जीने की अंतहीन
Read Moreलडखडाते पैरहिलते हुये हाथहर रिश्ते में जैसेहो गये हैं अनाथ झुकी हुई गर्दनवाक् मौन सीपूछने में अशक्तजिंदगी कौनसी सपने अधूरे
Read More‘वीर बाल’ का दिवस मनायें, वीरों के सत्कार में।चुनवाये थे नौनिहाल दो, मुगलों ने दीवार में।वीर बाल०गुरु गोविंद सिंह द्वय
Read Moreनव वर्ष की शुभ बेला आई,संग में खुशियों की सौगात लाई।भूलें ग़म और बीते पल,नए सपनों को ले कर चल।आसमान
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