फाल्गुन
मन मचल मचल पागल हुआ जाये फागुन की मस्तियों में रंगों की होली में मस्त कोयल कूक रही टेसू छटा
Read Moreआज गया था एक मुहल्ले में घूमनेवहाँ की आबोहवा को सूंघनेकैसी होती हैझोपड़ पट्टी की जीवनतो मैंने देखादुनिया कोऔर दुनिया
Read Moreसीरिया के नए ‘शासनकाल‘ में गोली,जारी हिंसा ‘मानवता‘ ने खेली होली।यह इतनी हैं भयानक ढा रहीं कयामत,आम इंसान डर रहे
Read Moreअब किस बात का इंतजार है,क्या आपका दिल नहीं बेकरार है,हजारों वर्षों तक दबे कुचले होजीने से घुटन महसूस नहीं
Read Moreनफ़रत की दीवार को गिराने का,रूठों को फिर से गले लगाने का,“आनंद” अमृत को यूं बढ़ाने का,प्रेमरस से सरोबार हो
Read Moreसाथ किसी के रहो भले ही, अहसान तुम्हारा हम पर है। अहसास प्रेम का कराया तुमने, विश्वास अभी भी तुम
Read Moreपावन पर्व रंगोत्सव, आयी, होली आयी, आनंद, उल्लास, हुड़दंग, चहुँ ओर खुशियां छायी।। रंग बिरंगे फूलों की सजी सुंदर क्यारियां, प्रेम सुरभि
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