आरक्षण : एक पुनर्विचार
वो वेदना जो सदियों से हृदय में जली,न्याय की किरण बनी, आशा की ज्योति खिली।वंचितों की आवाज़, टूटी हुई दीवार,संविधान
Read Moreवो वेदना जो सदियों से हृदय में जली,न्याय की किरण बनी, आशा की ज्योति खिली।वंचितों की आवाज़, टूटी हुई दीवार,संविधान
Read Moreबिछड़ने का गम साफ़ था उसकी नज़रों में ,मुझसे कह रहा था कि मैं बेक़रार थोड़ी हूं । तमाम उम्र
Read Moreकैसे भूल सकते होइतिहास की बातों को,जाति के नाम पर पड़ेघूसों और लातों को,ये मत भूलो किआज भी उनके मोहरे
Read Moreकमल ही कमल खिल रहा देश में, मोदीराज की आंधी आई,जिसने किया कल्याण देश का,घर घर मन की बात पहुंचाईअब
Read Moreघाव में मरहम लगाना, अपने खुद ही सीखिये,तन्हा वक्त कैसे कटे, खुद से खुद ही सीखिये।दोस्त आयेंगे मरहम लगाने, जख्मों
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