महाशिवरात्रि
सजा है जगमग सारा कैलाश,छाया चहुं दिश दिव्य प्रकाश,आई परिणय की शुभ घड़ी,हो झूमे गाएं धरती-आकाश । पहन गल सर्पो
Read Moreसजा है जगमग सारा कैलाश,छाया चहुं दिश दिव्य प्रकाश,आई परिणय की शुभ घड़ी,हो झूमे गाएं धरती-आकाश । पहन गल सर्पो
Read Moreमर जाने के डर सेनहीं मरना चाहते हो,तो आज ही मर जाओ,बड़ी जिंदगी चाहते होतो अभी सुधर जाओ,सुधर कर भी
Read Moreजिसके चलने से जीवित हूं मैं,वो सांस हो तुम।जिसके नाम से ही चेहरे पर खुशी छा जायेवों एहसास हो तुम।धमनियों
Read Moreपहाड़ की पुकार पहाड़ की पुकार सुनो,चोटियों की ऊंचाई देखो।हरियाली की चादर ओढ़ी,प्राकृतिक सुंदरता का खजाना है। पहाड़ की नदियाँ
Read Moreस्थिरता तो शब्द मात्र है, इसको ना तुम जाना भूल। परिवर्तन ही परिवर्तन है, परिवर्तन जीवन का मूल।। षड् ऋतु
Read Moreमुक्त हूं मैं रूढ़िवादी सोच से, उन्मुक्त नहीं। स्वतंत्र हूं अवांछनीय बंधनों से, स्वच्छंद नहीं।। संस्कारी मन, सुशील वर्तन, हौसला
Read Moreयूँ तो पीले, लाल, सफेद…जाने कितने गुलाब हैं खिले हुए।पर वो हमारा गुलाब तो था खास ,जाने कितने थे एहसास
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