Author: चन्द्रकांत खुंटे 'क्रांति'

कविता

सरकार से इल्तज़ा

ऐ सरकार!आपसे एक इल्तज़ा हैकरना स्वीकारनिज खातिर नही माँग रहा भीखथोड़ा समझना,गहन-चिंतन करनाबीते आपदाओं से लेना सीखप्रकृति जब विकराल रूप

Read More
कविता

आखिरी आदमी की पीड़ा

तरह-तरह के लोक लुभावने वादेजीत के पहले व्यक्तित्व सादेजब जीत सुनिश्चित हुईफिर दिखाते प्रतिबिंब पियादे।जमीनी स्तर में पाँव नहीबैठने को

Read More