युद्ध की चाह किसे है?
युद्ध की चाह किसे है,कौन चाहता है रक्त की बूँदें,और राख में सने पंखों की चुप्पी?पर जब झूठ का आवरण
Read Moreयुद्ध की चाह किसे है,कौन चाहता है रक्त की बूँदें,और राख में सने पंखों की चुप्पी?पर जब झूठ का आवरण
Read Moreधरती पर जिनके पग पड़े, आकाश में जो उड़ते हैं,वीर सपूत वे हमारे, जीवन से बढ़कर करते हैं।हर दर्द को
Read Moreपहलगाम का हमला महज हमला नहीं थाकिया छलनी भारत मां का सीनामिटाया सिंदूर हमारी मां-बहनों काहमला था यह बह्शी और
Read Moreन गोला चाहिए ,न बारूद चाहिए,हम हैं चैनों –अमन के पुजारी,हमको तो सारे विश्व में शांति चाहिए।न किसी की ज़मीन
Read Moreधरणी का श्रंगार विटप हैं, द्रुम दल मही सजाना है।भू संरक्षण करना होगा जीवन अगर बचाना है। यही महीरुह लहरा
Read Moreहे आर्य पुत्र तुमने भारत का गौरव मान बढ़ाया है।सिंदूर की ताकत क्या होती नापाको को बतलाया है। सिंदूर मिटाने
Read Moreजय हिन्द,जय हिन्द की सेनाहमको कभी हल्के में न लेनाभारतीयता रग-रग में भरी हैहम हैं भारत की पराक्रमी सेना।। अत्यंत
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