ग़ज़ल
आज उसी ने खुद को तगड़ा कर लिया।काटते ही फ़सलें लो भँगड़ा कर लिया।। वो समझता देख सबको कुछ नही।आज
Read Moreदुख से प्रीत लगी है ऐसी, पलभर दूर नहीं रह पाती ।रीत गए आँसू नयनों के, विरहानल तन- मन झुलसाती
Read Moreजयति जय जय माँ सरस्वती, जयति वीणाधारिणिजयति विद्यादायिनि माँ, जयति पुस्तकधारिणि- शुभ्रवसना शुभ्रता का पाठ हम सीखें सदाध्यान में हो
Read Moreजिंदगी को सही मायने में जिंदगी बनाने के लिए,रिश्तों का गणित समझ में आना बेहद जरूरी है! रिश्तों की पाठशाला
Read Moreउसकी ख्वाहिशें नाचती हैं…रोज मेरे आंगन में उसके सपनों की बारात आती है..चांद धुंध कीओट में रहकर जैसे कुछसमय के
Read Moreआंसू और भूख कोजो नहीं समझता है,अपना हिस्सा खा कर भीऔरों का भी झपटता है,ढो रहे हैं इनको देश दे
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