माँ
माँ कहती रात होते ही लौट आना ।बिना खिलाये बाहर न जाने देना।।परेशानियों को बिन कहे समझ जाना।तुझे क्या पता
Read Moreसुख में स्वप्नों की निर्झरिणीचंचल चप्पल चतुर कोई हिरणी देखो मन मयूर का क्रंदनजन्मों जन्मों का यह स्कंदन यात्रा नहीं
Read Moreविष्णु ने काटा असुर सिर,सिर गाड़ दिया मंदराचल परजीत सभी संक्रान्ति पर्व मनाये,रवि उत्तरार्द्ध होकर मकर जाए । चीनी की
Read Moreआज कितना बदल गया बच्चों का खेलआनलाईन विडियो गेम बना दिया घर को बच्चों का जेल।वो भी क्या दिन थे
Read Moreहंसवाहिनी माँ सरस्वती, विराजो हृदय में भगवती, ज्ञान दीप आलोक भर दो, विद्या धन दो माँ भारती।। कोकिल कंठ सुर
Read Moreबचपन से शौक था उसे पढ़ने का,नई इबादत गढ़ने का,हरपल आगे बढ़ने का,हर परिस्थिति से लड़ने का,मगर समय निकलता गया,चुनौतियां
Read Moreपर्व सुहाना आया है बहुत खास,जन-जन में छाया हर्षोउल्लास,नाम अनेक अद्वितीय है महत्ता,दसों दिशाओं में ईश्वर की सत्ता । भक्ति
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