विलक्षण साध्वी प्रमुखा- कनकप्रभा जी
पिता सूरजमल जी एवं माता छोटी बाई की सुताकुशाग्र , बुद्धि, विवेकशील कलातेरापंथी साध्वियों में अग्रिम पंक्ति पद हासिल किया,साध्वी
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Read Moreमौसम में यह कैसा परिवर्तन आ गयाफरवरी माह में आम पर बौर छा गयासर्दी में ही पानी के लिए हो
Read Moreविकलांगों का मत करो उपहास भाई ।अपेक्षित बल – शक्ति है उनमें समायी।दे सको तो उन्हें आदर – भाव देना,अपमान
Read Moreरिश्तों में हैं पतझड़ ऋतु आया, खिलता था कभी, बसंत मुरझाया।। फूलों में मनभावन खुशबू नहीं हैं, तितलियों में चंचलता
Read Moreमौन कभी प्रेम की स्वीकृति होता है, मौन कभी प्रखर विरोध भी होता है।। शब्द मुखर न हो, मौन सबकुछ
Read Moreसाधु की संगति है सुखदायी,करती शुभ और संकट हरती,साधु का ज्ञान देखो, वेष मत देखो,साधु की संगति शुभ भाव भरती।
Read Moreप्रेम व्याप्त है जग में यहां-वहां-सर्वत्र,प्रेम ही बनाता-बनवाता है इष्ट-मित्र,प्रेम-सा नहीं है अनमोल भाव इस जहां में,प्रेम ही है सबसे
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