बाल कविता – जंगल की होली
जंगल के राजा शेर ने एक सभा बुलाई । प्रहलाद की भक्ति होली की बात बताई ।। हम सभी खेलेंगे
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Read Moreलल्ला के गाल रंग से हुए लाल । गली – गली में मचा रहे धमाल ।। उडा रहें गुलाल लगा
Read Moreप्रेमरंग की बौछार रंगपंचमी सद्भाव की बहार रंगपंचमी । आनंद मय हो जीवन हमारा ऐसी शुभकामना है रंगपंचमी ।। गेर
Read Moreरुई से नरम बादल कितने अच्छे हैं । धुआं से सफेद बादल बने लच्छे हैं ।। उमड़ – घुमड़ नभ
Read Moreखो गया है बचपन मेरा, नफरत की दीवारों में, कहां रहा है इतना ताप अब, जलते हुए अंगारों में! जब
Read Moreलगा हुआ है इनका ढेर।ठेले पर बिकते हैं बेर।।—रहते हैं काँटों के संग।इनके हैं मनमोहक रंग।।—जो हरियल हैं, वे कच्चे
Read More“प्रेम दिवस” मनाओ चाहे “प्रेम सप्ताह” मनाओ, सबसे पहले प्रेम-प्यार से परिवार को सजाओ. परिवार में बरसे प्रेम-रस, जीवन मधुरिम
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