बाल कविता
बच्चे कितने मन के भोलेश्याम सलोने है अलबेलअपने शिक्षक के सम्मान मेंशिक्षक दिवस मनाए हैइनकी अनोखी शान है ऐसीजग में
Read Moreडाल -डाल परफुदक-फुदक करचूं – चूं करती चिड़िया रानी । फर-फर पंख फैलातीचीं-चीं, चूं-चूं गातीचिड़िया रानी । दाना चुंगतीपानी पीतीचिड़िया
Read Moreचलो चलें स्कूलघंटी हमें बुलाती हैखुल गया है स्कूलहमें भान कराती है। देर करो न, दूर भागोतुमको कुछ बताती हैवक्त
Read Moreसावन की सुस्वादु मिठाई।जीजी मेरी लेकर आई।। रक्षाबंधन पर्व मनाया।राखी लेकर हमको आया।।घेवर की मधुरता सुहाई।सावन की सुस्वादु मिठाई।। मधुमक्खी
Read Moreचिड़िया-रानी, चिड़िया-रानीपास हमारे, तुम आ जाओ नबिना तुम्हारे घर-आँगन सुनातुम आ-आ के सजा जाओ न। तुम हो कितनी चंचल-शर्मीलीहमसे तुम
Read Moreहाथी भालू चीता बंदर।बैट बॉल लेकर आए।।हिरण लोमड़ी बारी–बारी।दोनों तब टीम बनाए ।। सूंड उठाकर बॉल उछाले।खुश हो कर दादा
Read Moreसब कहते हैं मुझको घण्टा।पिट-पिटकर क्या मिलता घण्टा? जो भी मंदिर में घुस आता,सबसे पहले पिटता घण्टा। बहरे हैं क्या
Read Moreलो आ गई देखो जुलाई,बच्चों को हो गई स्कूलों में छुट्टियां,लेकर बड़े-बड़े रजिस्टर कर दो शुरू पढ़ाई।नानी के घर जाना
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