बाल कविता : भोर हो गयी है
भोर हो गयी है आँखे खोलो पृथ्वी माता सूर्य देव को करो सादर प्रणाम घर वालों को सुप्रभात बोलों जल्दी
Read Moreभोर हो गयी है आँखे खोलो पृथ्वी माता सूर्य देव को करो सादर प्रणाम घर वालों को सुप्रभात बोलों जल्दी
Read Moreपूर्वजों ने स्वतंत्र भारत दिया और हमने क्या हाल कर दिया आज ख़ुद से अब वादा कर लिया जूझने का
Read Moreएक घना जंगल था। उसमे तरह तरह के पेड़ पौधे थे। भांति भांति के फल-फूल, पशु-पक्षी जंगल की शोभा में
Read Moreओ३म् हमारे देश में कुछ वाक्य व सूत्र प्रचलित हो गये हैं जिनमें से एक सूत्र वाक्य है ‘सेवा परमो
Read Moreएक साल में आते आम।सबके मन को भाते आम।।—जब वर्षा से आँगन भरता,स्वाद बदलने को जी करता,तब पेड़ों पर आते
Read Moreदामोदर नरेन्द्र मोदी ने,सादा जीवन अपनाया।भारत भाग्य विधाता बनकर,पथ समाज को दिखलाया।।—छोड़ सभी आराम-ऐश को,संघं शरणम् में आया।मोह छोड़कर घर-गृहस्थ
Read Moreमां सुन सुन के ये समाचार मुझे डर लगता है, तुम हो मेरे पास फिर भी मुझे डर लगता है।
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