क्या हमें अपना, अपने अतीत और भविष्य का पता है?
ओ३म् हम इस जन्म में मनुष्य योनि में उत्पन्न हुए हैं। हम क्या हैं, यह अधिकांश मनुष्यों को ज्ञात नहीं
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Read Moreओ३म् मनुष्य का मन ही बन्धन व मोक्ष का कारण है। यह दर्शन शास्त्र का वचन है और यह सत्य
Read Moreमानव के अंदर स्थित आत्मा परमात्मा का ही रूप है यह सर्व विदित है। भगवान ने जीव को अपनी ही
Read Moreहमें बहुत-सी चीजें लाजवाब लगती हैं. कभी हमें कोई खाने की चीज, कभी पहनने-ओढ़ने की चीज, कभी सजावट की चीज
Read More(विश्वकर्मा दिवस के शुभ अवसर पर प्रकाशित) परमपिता परमात्मा की कल्याणी वाणी वेद के “विश्वकर्म्मा” शब्द से ईश्वर,सूर्य, वायु, अग्नि
Read Moreरविदास, कबीरदास, सिख गुरु, वाल्मीकि ऋषि आदि संतों ने जीवन भर हिन्दू समाज के पिछड़े वर्ग और शोषित वर्ग में
Read Moreभारतवर्ष में देवों का वर्णन बहुत रोचक है | देवों की संख्या तैंतीस करोड़ बतायी जाती है और इसमें नदी
Read Moreभारत के हर प्रांत में त्योहारों का अपना महत्व है और सब ऐसे मनायें जाते हैं जैसे कोई उत्सव हो
Read Moreअधर्मियों, आतंकवादियों, समाजघातकों, देशद्रोहियों और भ्रष्टाचारियों को समाप्त करने के उद्देश्य से धराधाम पर अवतरित हुए योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्म से लेकर अंत तक
Read Moreहिंदुओ की आस्था का पर्व : जन्माष्टमी भारत वर्ष में जन्माष्टमी का त्यौहार बड़ी आस्था एवं उल्लास से मनाया जाता
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