धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

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छज्जू का चौबारा – “एक तरफ़ हो जाओ!” 

लाहौर में एक चौबारा था। उसका नाम था ‘छज्जू का चौबारा’। पंजाबी जीवन शैली में लोकोक्ति चर्चित है-‘जो सुख छज्जू

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हे गौ माता! मैं तेरी सेवा, अन्नोत्पत्ति और गोदुग्ध के लिए तुझे पालता हूं

ओ३म् आर्यजगत् के वेदों के उच्च कोटि के विद्वान आचार्य डा. रामनाथ वेदालंकार ने ‘यजुर्वेद ज्योति’ नाम से यजुर्वेद के

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वेद में राष्ट्र का मानचित्र

आ ब्रह्मन् ब्राह्मणो ब्रह्मवर्चसी जायतामा राष्ट्रे राजन्य: शूरऽइषव्योऽतिव्याधी महारथो जायतां दोग्ध्री धेनुर्वोढानड्वानाशु: सप्ति: पुरन्धिर्योषा जिष्णू रथेष्ठा: सभेयो युवास्य यजमानस्य वीरो

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माता-पिता की नित्य सेवा करना सन्तान का धर्म वा पितृ-यज्ञ है

ओ३म् मनुष्य के जीवन में ईश्वर के बाद माता-पिता का सबसे अधिक महत्व है। इसके बाद जिन लोगों का महत्व

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नास्तिकता भी एक अन्धविश्वास है!

फिलीपीन्स के राष्ट्रपति श्री रोड्रिगो दुतर्ते ने ईश्वर के अस्तित्व को सिद्ध करने की चुनौती दी है। उन्होंने कहा है

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हे मनुष्य जुआ मत खेल! खेती कर!

समाचार पत्र से मालूम हुआ सरकार क्रिकेट जैसे खेलों में सट्टेबाजी को रोकने में नाकाम होने पर सट्टेबाजी को क़ानूनी

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ऋषि दयानन्द के देश व मानवता के हित के अनेक कार्यों में एक कार्य वेदों का उद्धार

ओ३म् ऋषि दयानन्द ने मानवता, समाज व देश हित के अगणित कार्य किये हैं। सब सुधारों का मूल वेदाध्ययन व

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यदि स्वामी दयानन्द और स्वामी श्रद्धानन्द न होते तो स्वामी रामदेव भी न होते : स्वामी रामदेव

तीन दिवसीय गुरुकुल सम्मेलन, गुरुकुल कांगड़ी परिसर में 6 जुलाई, 2018 को आरम्भ हुआ। अपरान्ह 4 बजे से सम्मेलन का

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