धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

स्वामी शंकराचार्य जी के जैन मत के आचार्यों से शास्त्रार्थ के इतिहास का ऋषि दयानन्द द्वारा खोजपूर्ण वर्णन

ओ३म् लगभग 23-24 सौ वर्ष पूर्व सनातन धर्म लुप्त प्रायः होकर देश में सर्वत्र नास्तिक मत छा गया था। इस

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

सब मनुष्यों के पालनीय सत्य धर्म का निश्चय और असत्य मतों का त्याग

ओ३म् मनुष्य संसार की सर्वोत्तम कृति है। मनुष्य से बढ़कर संसार की कोई रचना नहीं है। इस मान्यता व सिद्धान्त

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महाशिवरात्रि और शिवजी की बारात

आज मैं आपको भोले की नगरी काशी की शिव बारात से रू-ब-रू कराती हूँ ,जिसमें शिवजी भस्मी रमाये दूल्हा बनकर

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योग-योगी

योगी सम्पूर्ण योग की सफलता का परिणाम होता है।। योग=जोड़। योग=अतिप्राचीनविज्ञान। योगकेजनक=महाऋषि हिरण्यगर्भ। योग=जीवन जीने की कला सिखाता है। योग=समनिष्ठ

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