स्वामी शंकराचार्य जी के जैन मत के आचार्यों से शास्त्रार्थ के इतिहास का ऋषि दयानन्द द्वारा खोजपूर्ण वर्णन
ओ३म् लगभग 23-24 सौ वर्ष पूर्व सनातन धर्म लुप्त प्रायः होकर देश में सर्वत्र नास्तिक मत छा गया था। इस
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Read Moreओ३म् मनुष्य संसार की सर्वोत्तम कृति है। मनुष्य से बढ़कर संसार की कोई रचना नहीं है। इस मान्यता व सिद्धान्त
Read Moreआज मैं आपको भोले की नगरी काशी की शिव बारात से रू-ब-रू कराती हूँ ,जिसमें शिवजी भस्मी रमाये दूल्हा बनकर
Read Moreपाकिस्तान के सिंध के सहवान कस्बे में बम विस्फोट में 100 से अधिक लोग मारे गए। यह आत्मघाती हमला लाल
Read Moreतन और मन दोनों की निर्मलता से की गई उपासना तुरंत फलीभूत होती है.इसीलिए यम, नियम, आसन प्राणायाम आदि द्वारा
Read Moreइस नव वर्ष (विक्रमी संवत्) से ठीक एक मास पहले एक ऐसा पर्व आ रहा है, जिसकी हम सभी जन
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