“ब्रह्म चिन्तन” किसे कहते है ?
पानी का अपना कोई आकार नहीं होता. उसे जिस पात्र में भी डालते हैं, वह उसी का आकार ले लेता
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Read Moreओ३म् 10 फरवरी जयन्ती पर –गुरूजी की आर्यधर्म निष्ठा व वैदिकधर्म के उद्देश्यों से समानता- भारत के प्रसिद्ध सन्तों में
Read Moreओ३म् संसार में ईश्वर की बहुत चर्चा होती है। घोर अज्ञानी व्यक्ति भी ईश्वर को मानता है और परम्परा से
Read Moreराम केवल चुनावी मुद्दा नही बल्कि हमारे आराध्य होने के साथ-साथ हमारे गौरव का प्रतीक है। ये देश जो राम
Read Moreजय श्रीकृष्ण: वसंत पंचमी के शुभ अवसर पर सभी को शुभ कामना .
Read Moreवसंत को ऋतुराज राज कहा जाता है पश्चिन का भूगोल हमारे देश में तीन ऋतुएं बताता है जबकि भारत के
Read Moreओ३म् ससार में केवल तीन ही सत्तायें व पदार्थ हैं ईश्वर, जीव व सृष्टि। हमें मनुष्य जन्म भी ईश्वर ने
Read Moreजय श्रीकृष्ण:
Read Moreहर व्यक्ति सफल होना चाहता है, शिखर चाहता है, परन्तु विवेक का प्रयोग नहीं करता . जीवन को सफल बनाने
Read Moreजीवन जीने के दो ही मार्ग हैं, प्रथम लोगों की बातों पर ध्यान न देकर अपने लक्ष्य पर केंद्रित रहो
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