सृष्टि उत्पत्ति विषयक वैदिक सिद्धान्त और महर्षि दयानन्द
ओ३म् सृष्टि की उत्पत्ति के विषय में महाभारत काल के बाद उत्पन्न मत-मतान्तरों के साहित्य में अनेक प्रकार की अवैज्ञानिक
Read Moreओ३म् सृष्टि की उत्पत्ति के विषय में महाभारत काल के बाद उत्पन्न मत-मतान्तरों के साहित्य में अनेक प्रकार की अवैज्ञानिक
Read Moreओ३म् महर्षि दयानन्द प्राचीन वैदिक कालीन ऋषियों की परम्परा वाले वेदों के मंत्रद्रष्टा ऋषि थे। वह सफल व सिद्ध योगी
Read Moreभूल जाते है इन्सान कि मृत्यु अटल है हर कोई यहाँ मृत्यु की पंक्ति में खड़ा है क्रमागत मृत्योंमुखी
Read Moreहिमालय की निचली तराई के कपिल वस्तु राजघराने में उत्पन्न बालक का नाम सिद्धार्थ रखा गया। गौतम नाम उनके प्राचीन गौतम
Read Moreओ३म् महर्षि दयानन्द (1825-1883) ने विश्व के सभी मनुष्यों व प्राणिमात्र के हित के लिए जो कार्य किया वह अपूर्व
Read Moreओ३म् महर्षि दयानन्द मथुरा में प्रज्ञाचक्षु गुरू विरजानन्द सरस्वती से अध्ययन कर देश व संसार से अज्ञान मिटाने के लिए
Read Moreओ३म् पं. आर्यमुनि (जन्म 1862) का आर्यसमाज के इतिहास में गौरवपूर्ण स्थान है। आर्यसमाज की नई पीढ़ी के अधिकांश लोग
Read Moreओ३म् डा. रामनाथ वेदालंकार जी वेदों के प्रसिद्ध विद्वान थे। अनेक विद्वानों के श्रीमुख से हमने उनके लिए वेदमूर्ति सम्बोधन
Read Moreओ३म् ऋषि दयानन्द का पं. लेखराम रचित जीवन चरित पढ़ते समय एक बार हमारी दृष्टि में यह तथ्य आया कि
Read Moreवाल्मीकि रामायण में मर्यादा पुरुषोतम श्री राम चन्द्र जी महाराज के पश्चात परम बलशाली वीर शिरोमणि हनुमान जी का नाम
Read More