मैं ब्रह्म नहीं अपितु एक जीवात्मा हूं।
ओ३म् मैं कौन हूं? यह प्रश्न कभी न कभी हम सबके जीवन में उत्पन्न होता है। कुछ उत्तर न सूझने
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Read Moreओ३म् श्री कृष्ण योगेश्वर थे, महात्मा थे, महावीर, धर्मात्मा व सुदर्शनचक्रधारी थे। वह वेदभक्त, ईश्वरभक्त, देशभक्त, ऋषियो व योगियों के
Read Moreओ३म् देहरादून स्थित श्रीमद्दयानन्द ज्योतिर्मठ आर्ष गुरुकुल, पौंधा के सोलहवें वार्षिकोत्सव के अवसर अन्य अनेक आयोजनों सहित एक ‘‘संस्कार सम्मेलन”
Read Moreओ३म् हम इस विस्तृत संसार के एक सदस्य है। चेतन प्राणी है। हमारा एक शरीर है जिसमें पांच ज्ञानेन्द्रियां, पांच
Read Moreहमारे 18 पुराणों में दशावतारों की कथा आती है। लेकिन पढे-लिखे लोग इसे काल्पनिक मानते हैं। इसमें उनकी कोई गलती
Read Moreओ३म् हमने अद्यावधि जो अध्ययन किया है उसके आधार हमें लगता है कि भारत की संसार को सबसे प्रमुख देन
Read Moreओ३म् सभी आंखों वाले प्राणी सूर्य, चन्द्र व पृथिवी से युक्त नाना रंगों वाले संसार को देखते हैं परन्तु उन्हें
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Read Moreओ३म् गायत्री मन्त्र आध्यात्मिक एवं सामाजिक जीवन में एक श्रेष्ठ वेदमन्त्र के रूप में विश्व में जाना जाता है। इसमें
Read Moreओ३म् श्री मद्दयानन्द ज्योतिर्मठ आर्ष गुरुकुल, पौन्धा-देहरादून आर्यजगत की प्रसिद्ध संस्था है जहां प्राचीन वैदिक आर्ष पद्धति से संस्कृत व्याकरण
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