धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

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भारतीय संस्कृति में प्रेम विवाह की सार्थकता या निरर्थकता

भारतीय संस्कृति का अध्ययन करने पर ज्ञात होता है कि भारत में विवाह की आठ पद्धतियां/रीतियां प्राचीन काल से प्रचलित

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ईश्वरीय ज्ञान वेद के जन-जन में प्रचार के लिए समर्पित ऋषि दयानन्द

ओ३म् वेद कहानी किस्से अथवा किसी धर्म प्रचारक मनुष्य के उपदेशों का ग्रन्थ नहीं है अपितु यह इस संसार की

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ईश्वर के साथ हमारा पिता-पुत्र संबंध होने के कारण हमें उसके सभी श्रेष्ठ गुणों को धारण करना है

ओ३म् मनुष्य सत्य व चेतन स्वभाव से युक्त प्राणी है। सत्य का अर्थ है कि मनुष्य की सत्ता यथार्थ  है।

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आधुनिक संसार शिक्षित होकर भी कर्म-फल विधान से अपरिचित है

ओ३म् वर्तमान युग में ज्ञान व विज्ञान विकास एवं उन्नति के शिखर पर कहे जाते हैं। यह बात भौतिक विद्याओं

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ईश्वर सृष्टि की रचना व संचालन क्यों व किसके लिए करता है?

ओ३म् मनुष्य, आस्तिक हो या नास्तिक, बचपन से ही उसके मन में सृष्टि व इसके विशाल भव्य स्वरूप को देखकर

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साम्प्रदायिक सद्भावना प्रतिक : लोक देवता बाबा रामदेव

जन-जन के आस्था और साम्प्रदायिक सद्भावना के प्रतीक बाबा रामदेव का मेला राजस्थान का कुंभ कहा जाने वाला सावन-भादवा लगते

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शाहपुराधीश की ऋषि दयानन्द से प्रथम भेंट और शंका समाधान

ओ३म् शाहपुराधीश सर नाहरसिंह वम्र्मा जी (जन्म कार्तिक कृष्णा त्रयोदशी सम्वत् 1912 विक्रमी एवं मृत्यु आषाढ़ कृष्णा 8, सम्वत् 1989

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सृष्टि का सबसे प्राचीन हमारा प्राणों से प्रिय आर्यावर्त वा भारत देश

ओ३म् हमारा देश भारत नाम से जाना जाता है। यह नाम इसका परवर्तित नाम है। हमारे देश की धर्म, संस्कृति

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