लेख

धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

पाप कर्मों का त्याग तथा वेद धर्माचरण ही जन्म-जन्मान्तरों में सुख व उन्नति का आधार है

ओ३म् मनुष्य को यह जन्म उसके पूर्वजन्मों के पाप–पुण्यरूपी कर्मों के आधार पर मिला है। वह इस जन्म में जो

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