महर्षि दयानन्द द्वारा आद्य राजर्षि मनु के कुछ हितकारी उपदेशों का सत्यार्थ प्रकाश में प्रस्तुतिकरण
ओ३म वेद सर्वप्राचीन ग्रन्थ हैं। वेदों के बाद अत्यन्त प्राचीन ग्रन्थों में मनुस्मृति का नाम आता है। सौभाग्य से वैदिक
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Read Moreभारतीय इतिहास में सर्वप्रथम स्वर्णिम मुद्राएँ प्रचलित करने का श्रेय कुषाण शासक विम कद्फिसेज़ को है| कालान्तर में उसके उत्तराधिकारियो
Read Moreओ३म् हमारा देश अनेक मत-मतान्तरों का देश है। प्रायः सभी मत ईश्वर के अस्तित्व को स्वीकार करते हैं परन्तु आश्चर्य
Read Moreआजकल पीठ के दर्द की शिकायत बहुत पायी जाती है। इसके कारण हो सकते हैं- व्यायाम न करना, मोटा तकिया
Read Moreओ३म् महर्षि दयानन्द संसार में सम्भवतः ऐसे पहले धार्मिक महापुरूष हुए हैं जिन्होंने ईश्वरीय ज्ञान वेदों का प्रचार करने के
Read Moreआजकल विशेषतः महिलाओं में और पुरुषों में भी घुटने के दर्द की समस्या आम है। इसके कई कारण होते हैं।
Read Moreओ३म् महर्षि दयानन्द ने जिस शिक्षा पद्धति का समर्थन किया है वह गुरूकुल शिक्षा पद्धति है। महर्षि दयानन्द सुसंस्कारों व
Read Moreओ३म् आज विज्ञान तेजी से नई-नई सफलतायें प्राप्त कर आगे बढ़ रहा है। विगत कुछ दशकों में विज्ञान अनेक सफलतायें
Read Moreसुश्रुत और चरक के बाद भारतीय चिकित्सा विज्ञान में नयी क्रांति के प्रणेता और पोषक ऊर्जा विज्ञान के जनक प्रोफेसर
Read Moreओ३म् संसार में धर्म व संस्कृति का आरम्भ वेद एवं वेद की शिक्षाओं से हुआ है। लगभग 2 अरब वर्ष
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