घोटाले का समाजशास्त्र
अपने देश में जब से घोटालों का धारावाहिक आरंभ हुआ है तब से रिश्वतजीवियों की बची – खुची अपराध भावना
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Read Moreआजकल जिसे देखो सरकार को गाली देता रहता है जैसे सरकार न हुई, गाँव की भौजाई हो गई I ‘अहर्निशं
Read Moreइंटरनेट और इलेक्ट्रॉनिक युग में प्रिंट व मुद्रित पुस्तकों की महत्ता अब भी बरकरार है । अभी राजधानी पटना में
Read Moreमई 2017 में प्रकाशित आलेख “न्यायाधीश को सजा पर सवाल” (लेखक श्री विराग गुप्ता) में कई बिम्ब उभर कर आते
Read Moreआज आत्मनिर्भर शब्द सुनकर ऐसा प्रतीत हो रहा था, मानो धरती पर स्वर्ग का रचना होने वाला है। भारतीय नेताओं
Read Moreमहिला काव्य मंच (रजि.) उत्तर प्रदेश इकाई के आगरा ज़िले की दूसरी ऑनलाइन काव्य गोष्ठी सफलतापूर्वक 28 जून को संपन्न
Read Moreलॉकडाउन में फेसबुक लाइव का दौर जमकर चला। हमारे चन्द्रप्रकाश चंचल उर्फ चंदू भैया ने भी दिन के पन्द्रह घंटे
Read More–कुछ साल पहले ही यह हिम्मत आई कि ट्रेन पर दौड़ लगाकर चाय बेचनेवाला एक बैकवर्ड प्रधानमंत्री भी बन सकता
Read Moreनिर्गुण की अपेक्षा ‘भौतिक’ देह से नहीं की जा सकती है और सगुण-उपासना के लिए देह्यष्टि तो चाहिए ही ।
Read More‘भारत रत्न’ हो या ‘पद्म सम्मान’ भारत के महामहिम राष्ट्रपति के नाम से जारी होता है, किन्तु माननीय गृह मंत्रालय
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