हास्य व्यंग्य : कलरलेस होली
बिहार मे फागुन के उमंग पर जैसे शनि की कुदृष्टि पर चुकी है।एक समय था जब होली मे यहां के
Read Moreबिहार मे फागुन के उमंग पर जैसे शनि की कुदृष्टि पर चुकी है।एक समय था जब होली मे यहां के
Read Moreबात उन दिनों की है जब पहली बार मैंने वेलेंटाइन डे का नाम सुना था। “वैलेंटाइन डे” का नालेज, मेरे
Read Moreकबीर बाबा बड़े दूरदर्शी थे। वे जानते थे कि आनेवाले ज़माने में भारत वर्ष का यौवन कुछ करे या करे,
Read Moreअब तो पता ही नहीं चलता कि कब मुआ वसंत आया और चला गया। दरवाजे पर, खेतों में, बागों में,
Read Moreएक दिन मैं ऑफिस से कुछ जल्दी घर चला आया। मैंने देखा कि मेरा तेरह वर्षीय बेटा और उसका हमउम्र
Read Moreदलाली तौ दलालय जानत पड़वा हस चिल्लाय दिहिन, खून की दलाली बताय दिहिन। रोहतांक दर्रा हिमांचल मा उई, बडी दिलेरी
Read Moreएक बार किसी कार्यालय के एक छोटे साहब ने बास से छुट्टी माँगने का अपना एक वाकया मुझे सुनाया। वे
Read Moreआजकल नास्तिक लोग भी यूनियनबाजी पर उतर आए हैं। मेरा भी मन करता है कि स्वयं को नास्तिक घोषित कर
Read Moreशर्मा जी के लड़के को लगा अजब सा रोग।बचपन से ही खद्दर पहनने का चढा गजब का शौक।। बड़े शर्मा
Read More