धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

आत्मा के जन्म-मरण व जीवन का न आरम्भ है और न अन्त है

ओ३म् मनुष्य संसार में जन्म लेता है, कर्म करता है, शैशव, बाल, किशोर, युवा, प्रौढ़ तथा वृद्धावस्थाओं को प्राप्त होता

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