राजनीति और साहित्य की लौह महिला
भारतरत्न ‘प्रियदर्शिनी’ और ज्ञानपीठ विजेत्री ‘अमृता’ की निर्वाणदिवस पर श्रद्धासुमन ! क्रिकेट और राजनीति में ‘गलबहियाँ’ या ‘गिरहबानियाँ’ प्रदर्शन के
Read Moreभारतरत्न ‘प्रियदर्शिनी’ और ज्ञानपीठ विजेत्री ‘अमृता’ की निर्वाणदिवस पर श्रद्धासुमन ! क्रिकेट और राजनीति में ‘गलबहियाँ’ या ‘गिरहबानियाँ’ प्रदर्शन के
Read Moreसरदार की ‘असरदार’ जन्मदिवस ! ….तब ‘बारदोली’ की महिलाओं ने वल्लभभाई के सांगठनिक एकता के कारण उन्हें पटेल (मुखिया) से
Read Moreनई सदी ने खो दिए, जीवन के विन्यास । सांस-सांस में त्रास है, घायल है विश्वास ।। रिश्तों की उपमा
Read Moreपहली करवाचोथ पर जीवनसाथी बोले- मानी तेरे लिए चुपके से साबूदाने की खिचड़ी बना देता हूँ-किसी को पता भी नहीं
Read Moreजीवन में कभी थक जाओ हार जाओ, तो चुपचाप बैठ जाना । लोग बोलते हैं तो बोलते देना, लोग सोचते
Read Moreसोलह कलाओं से युक्त चन्द्रमा जब आकाश में आता धरती अम्बर बिखरती चांदनी पर्व शरदपूर्णिमा कहाता। चन्द्र की चंचलता चारों
Read Moreदीपावली का दीया खरीदने आकाश बाजार में जगह जगह घुम रहा था । पर यादों में बसी मिट्टी की महक
Read Moreअपने छोटे से जीवन मेंकितने सपने देखे मन में—इठलाना-बलखाना सीखाहँसना और हँसाना सीखासखियों के संग झूला-झूलामैंने इस प्यारे मधुबन मेंकितने
Read Moreओ३म् मनुष्य के जीवन में सुख व दुःख की दो अवस्थायें होती हैं। सभी को सुख प्रिय तथा दुःख अप्रिय
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