माँ कालरात्रि
सप्तम रूप माँ जगदम्बे का माँ कालरात्रि कहलाये, शुभकारी फल देती मैय्या शुभंकारी भी कहलाये। रुप भयानक, डरावनी पर भक्तों
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Read Moreखड़ा विचारों के धरातल अक्स देखता उनका अविचल मंद स्मित रेखा से परिवर्तन हो जाता आकार विस्तीर्ण। ढप जाता भूगोल
Read More1.टेलीफोन ”हैलो-हैलो, आप हैं कौन? जल्दी बोलें, रहें न मौन, कैसे पता मुझे लग पाए, किसने किया है टेलीफोन.” ”मैं
Read Moreवो भी क्या ज़माना था — जब सिर्फ पांच पैसे का एक पोस्ट कार्ड , इंसानी रिश्तो का – कितना
Read Moreवह दौर जहाँ खतो से खैरियत पुछी जाती थी , खुशखबरी ली जाती थी । मजमून देख सब दिलों के
Read Moreपूजा ….पूजा…पूजा! सासु मां ने आवाज़ लगाई, पूजा भाग कर सासु मां के पास आकर घबरा कर बोली… ममी जी
Read Moreछूना चाहता हूँ मैं तेरे अनकहे जज्बातों को होंठो में दबी रह गयी बातों को बोलो इसका कोई जतन नहीं
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