ग़ज़ल
ख़ाली कभी भरा हुआ आधा दिखाई दे चाहे जो जैसा देखना वैसा दिखाई दे जैसे सराब दूर से दर्या दिखाई
Read Moreमहिला सशक्तिकरण ये शब्द ही अपने आप में खोखला नहीं लगता? स्त्रीयों को निर्बल लाचार अबला समझने वाले एक बार नौ
Read Moreकांगड़ा, हिमाचल प्रदेश के युवा कवि लेखक राजीव डोगरा ‘विमल’ को हिमालयन अपडेट साहित्य सृजन संगीत कला संगम लाइव कार्यक्रम
Read Moreटी.व्ही. पर एक नामचीन ब्रांड के नमक का विज्ञापन आ रहा था। कोई एक्टर कह रहा था,”आयोडीन, विटामिन्स और मिनरल्स
Read Moreस्कूल टाइम में गुड्डी को घर पर देख कर भाभी चौंक पड़ीं ।उन्होंने कलेंडर पर नजर डालते हुए पूछा,”गुड्डी ,आज
Read Moreआज राधा बहुत खुश थी। वर्षो पुराना उसका स्वप्न आज साकार हो गया था। वह बहुत गर्व महसूस कर रही
Read Moreचले थे साथ मगर कहाँ लाकर छोड़ दिए, मैं परिंदा खामोश बैठा था,तुम झिंझोड़ दिए। साथ तुम्हारे सब लगने लगा
Read Moreसदियों से छिपाती अपनी व्यथा कथा न जाने इस प्राणी को ईश्वर ने कैसे गढ़ा जिसे किसी ने आज तक
Read Moreतोता पिंजरा दाना पानी सदियों से रही यही कहानी बंधन चंदन या अभिशाप बना जीवन छोटी सी नाप रटे जिह्वा
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