ग़ज़ल
यह दावा है मेरा मैं तुझे याद आता रहूंगा हवा बनकर सांसों में तेरी समाता रहूंगा तेरी रूह भी हो
Read Moreलगाए बहुत साल याँ आते आते, रुला ही दिया क़द्र-दाँ आते आते। बहुत थक गए हम रह-ए-ज़िन्दगी में, थकीं पर
Read Moreगर हो आज तुम्हारी इजाज़त मुझे तो आसमाँ पे तुम्हारी इबारत लिखना चाहता हूँ तमाम दौलतें एक तरफ और तुम्हारी
Read Moreये वक़्त भी गुजर गया बातोँ बातोँ मेँ,,,,,,,,, दुरियाँ बदल न सकी मुलाकातो मेँ,,,,,,,,, बिजलियोँ को छूने की तमन्ना सी
Read Moreग़ज़ल (हिन्दी हमारी जान है) बह्र:- 2212 2212 हिन्दी हमारी जान है, ये देश की पहचान है। है मात जिसकी
Read Moreग़ज़ल (भाषा बड़ी है प्यारी) 22 122 22 // 22 122 22 भाषा बड़ी है प्यारी, जग में अनोखी हिन्दी,
Read Moreग़ज़ल (दर्द दे वो चले पर दवा कौन दे) बह्र:- 212*4 दर्द दे वो चले पर दवा कौन दे, साँस
Read Moreहर लम्हा तन्हाई का एहसास मुझको होता है जबकि दोस्तों के बीच अपनी गुज़री जिंदगानी है क्यों अपने जिस्म में
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