ग़जल
सबको वो देखता है, सब उसकी नज़र है, ना फिक्र करो लोगों, उसे सबकी फिकर है! मुश्किल बडी राहें मेरी,
Read Moreआज घर आये मेहमान ने बातों ही बातों में मेरे पापा से अपनी बेटी के लिए रिश्ता खोजने को कहा
Read Moreओ३म् स्वामी दयानन्द जी अजमेर से चलकर मसूदा आये। इसका वर्णन करते हुए पं. नथमल जी तिवाड़ी, अजमेर लिखते हैं
Read Moreबिना गुरु ज्ञान जग में, पा ना पाया कोय। गुरु का जो मान रखा, जग बैरी न होय।1। गुरु को
Read Moreहै उम्र गुज़ारी हमने, किताबों के सफ़र में ! जिन्दगी को सुलझाना, हमें आता ही नहीं हैं !! न जाने
Read Moreन छेड़ो जख्मों को, लगेंगे फिर से रिसने ! वो जुदा हो रहें हैं हमसे, पर वह इसे मानते नहीं
Read Moreचित्र अभिव्यक्ति आयोजन चाहे काँटें पथर पग, तिक्ष्ण धार हथियार पुष्प प्रेम सर्वत्र खिले, का करि सक तलवार का करि
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