एक अवधी ग़ज़ल
कोई पक्का मकान थोरै है । दिन दशा कुछ ठिकान थोरै है ।। सिर्फ कुर्सी मा जान है अटकी
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Read Moreओ३म् आज नव सृष्टिसंवत एवं विक्रमी संवत्सर का आरम्भ हुआ है। हमारे पास समय की अवधि की जो गणनायें हैं
Read Moreघर परिवार में शादी का माहौल है। सब सजने सवँरने में उत्साह से जुटे हुए है। ममता व्यस्त होने का
Read Moreकल सर्वोच्च न्यायालय ने जम्मू् काश्मीर के अल्पसंख्यक के उपर दायर एक जनहित याचिका पे सुनवाई के दौरान इस बात
Read Moreअब वो समय आ गया है कि अयोध्या मे राम मंदिर विवाद को खत्म कर देना होगा। माननीय सर्वोच्च न्यायालय
Read Moreमास चैत्र चला आया ,ताप सूर्य का दग्धाने लगा सूखे सरोवर औ तालाब ,खग पंछी लगे अकुलाने ताँक -झाँक करे
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